जय बोलो हनुमान की jai bolo hanuman ki ram laksman ke sang jaan ki

राम लक्ष्मण के संग जान की,
जय बोलो हनुमान की,
करते भगति सदा राम की,
जय बोलो हनुमान की,

दीं दुखियाँ का दाता प्रभु या कहु हो अनाथो के नाथ,
अपने भगतो के सिर पे सदा रखते अपनी दया का हाथ,
माला जपते तेरे नाम की जय बोलो हुनमान की,
राम लक्ष्मण के संग जान की...

बल भुधि हमे ज्ञान दो निज पापो से हम सब डरे,
बैठ कर तेरे चरणों में हम तेरे चरणों की सेवा करे,
ऐसी भगति दो निश काम की,जय बोलो हुनमान की,
राम लक्ष्मण के संग जान की...

भव सागर खिवैयाँ हो तुम पार करते हो मझधार से,
अपने भगतो के संकट सदा दूर करते बड़े प्यार से,
बात होती है जब आन की,जय बोलो हुनमान की,
राम लक्ष्मण के संग जान की...

कितने पतितो को पावन किया मेरा तन मन तेरा हो गया,
राम चदं जी के संग पा कर तुम्हे चित भगति में यु खो गया,
मन में ज्योति जली ज्ञान की,जय बोलो हुनमान की,
राम लक्ष्मण के संग जान की...




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