शिव सन्यासी से मरघट वासी से shiv sanyaasi se marghat vasi se maiya karugi main to viaha


शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करू गी मैं तो वियाह,
मैं शिव को ध्याऊगी उन्ही को पाउ गी शिव संग करू गी मैं तो वियाह,

मैना ने समज्या वो है श्मशान का वासी ,
तू महलो की रानी तू कैसे बने गी दासी,
गोरा तू सोच ले कैसे करेगी वियाह,

बाबा हिमाचल देखो सब ऋषियों को ले आये,
सब ने मिल कर देखो फिर गोरा को समजाये,
ओघड है योगी है कैसे होगा निभा,
शिव सन्यासी से मरघट वासी से.......

ना मानी थी गोरा वो तो शिव के ध्यान में लागि,
शिव की याद में सोइ शिव की याद में जागी,
जन्म जन्म का साथ साथ है जन्मो का रिश्ता,
शिव सन्यासी से मरघट वासी से,









Comments