ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो ohda dm dm damaru bolda jdo shiv pe lenda bhang

ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,
फिर धरती अम्बर डोल्दा सब देख रह जांदे ढंग,
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,

पी के प्याला शमभू रंग की दिखावे,
मस्ती दे विच तीनो लोक नचावे,
कैसी मस्ती चढ़ गई शिव न कैसा चदया रंग,
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,

खोल के जटावा शिव लेंदा है हुलारे,
वख दुनिया तो आज होये ने नजारे,
वखरा नाच है शिव शंकर दा वखरा सब तो ढंग,
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,

शिव बोले नाथ जदो डमरू वजावण देवी देवते भी फूल वरसावां.
सूरज महिमा शिव दी लिखदे राजी महिमा शिव दी गाउँदा हो गये मस्त मलंग,
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,






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