गोरा बोली भोले से,कब बरात लाओगे,
इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब बनाओगे॥
इधर मेरे मेहंदी लगे,उधर तुम्हरे भस्मी चढ़ें,
इन चांदनी सी रातों में,भंगिया कब घुटबाओगे,
गोरा बोली भोले से,कब बरात लाओगे।
इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब बनाओगे॥
इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब बनाओगे॥
इधर मेरे मेहंदी लगे,उधर तुम्हरे भस्मी चढ़ें,
इन चांदनी सी रातों में,भंगिया कब घुटबाओगे,
गोरा बोली भोले से,कब बरात लाओगे।
इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब बनाओगे॥
Comments
Post a Comment