लाखो किस्मत चमकी अपनी भी किस्मत चमका ले,
ये गाँव है मेरे साई का अपनी किस्मत चमका ले,
शिर्डी की माटी की तिलक लगा ले....
बड़ी धन्य धन्य ये माटी अवतार लिया साई ने,
दरबार लगा कर अपना उपकार लिया साई ने,
शिर्डी की माटी की तिलक लगा ले...
इस माटी का क्या कहना यहाँ पाँव पड़े साई के,
ये माटी है चमत्कारी यहा झंडे गड़े साई के,
शिर्डी की माटी की तिलक लगा ले...
शिरडी की इस माटी से तू कंकर चुग ले जाना,
हीरे मोती से महंगे और है अनमोल खजाना,
शिर्डी की माटी की तिलक लगा ले....
जिस चरणों की माटी के खातिर है देव तरस ते,
वनवारी मिल गये है हम को शिरडी के रस्ते,
शिर्डी की माटी की तिलक लगा ले
Comments
Post a Comment