हे भोले शंकर पधारो hey bhole sankar padharo




हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ ।

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

महा सती के पति मेरी सुनो वंदना ।

आओ मुक्ति के दाता पड़ा संकट यहाँ ॥

बगीरथ को गंगा प्रभु तुमने दी थी,

सगर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली थी ।

नील कंठ महादेव हमें है भरोसा है,

इच्छा तुम्हारी बिना कुछ भी नहीं होता ॥

हे भोले शम्भू पधारो किस ने रोके वहां,

आयो भसम रमयिया सब को तज के यहाँ ॥

मेरी तपस्या का फल चाहे लेलो,

गंगा जल अब अपने भक्तो को दे दो ।

प्राण पखेरू कहीं प्यासा उड़ जाए ना,

कोई तेरी करुना पे उंगली उठाए ना ॥

भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,

इच्छा करो पूरी गंगा सनान की ॥

अब ना देर करो, आ के कष्ट हरो,

मेरी बात रख लो, मेरी लाज रख लो ॥

हे भोले गंगधार पधारो, डोरी टूट जाए ना,






मेरा जग में नहीं कोई तुम्हारे बिना ॥

नंदी की सौगंध तुमे, वास्ता कैलाश का,

बुझ ना देना दीया मेरे विशवास का ।

पूरी यदि आज ना हुई मनोकामना,

फिर दीनबंधू होगा तेरा नाम ना ।

भोले नाथ पधारो, तुमने तारा जहां,

आओ महा सन्यासी अब तो आ जाओ ना ॥






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