नंद का लाला बाँसुरी वाला Nand Ka Lala

नंद का लाला बाँसुरी वाला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
बृज का उजाला कान्हा निराला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
भोर में सूझे ना कोई बहाना,
कोई बहाना सारे मारेंगे ताना
देर से लायी काहे भर के गगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
नंद का लाला बाँसुरी वाला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
रात में जाऊँ तो
डर मोहे लागे
रात में जाऊँ तो डर मोहे लागे
डर मोहे लागे लागे जग सारा जागे…
दिन में जाऊँ देखे सारी नगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
नंद का लाला बाँसुरी वाला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
तुम ही बताओ मैं किसी विधि आऊं
किसी विधि आऊं कान्हा प्रीति निभाऊँ
साचा तू है झूठी बातें सगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी


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